Maharana Pratap Shayari – You may send your pals this shayari in honour of Maharana Pratap Jayanti. On our website, you can also read some of the greatest Rajput Shayari.
सूरज का तेज भी फीका पड़ता था,
जब राणा तू अपना मस्तक ऊँचा करता था,
थी राणा तुझमें कोई बात निराली,
इसलिए अकबर भी तुझसे डरता था…